'नहीं हाले-दिल्ली सुनाने के क़ाबिल, ये क़िस्सा है रोने रुलाने के क़ाबिल'
 दिल्ली तरफदारों का शहर नहीं है. ये ग़ालिब और मीर का शहर है. फक्कड़ों, सनकियों और खुद्दारों का शहर है. इस शहर ने सम्राट भी देखे हैं और शहंशाह भी देखे हैं.
दिल्ली तरफदारों का शहर नहीं है. ये ग़ालिब और मीर का शहर है. फक्कड़ों, सनकियों और खुद्दारों का शहर है. इस शहर ने सम्राट भी देखे हैं और शहंशाह भी देखे हैं.from Latest News लाइफ़ News18 हिंदी https://ift.tt/2EUbvXD
 
 
 
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